अरे, कल ही था !!!!!!!
अरे कल ही था जन्मदिन मेरा ,एक साल और बड़ी हो गयी हूँ,कई सारे अच्छे काम करने हैंऔर घटिया काम करने की लिस्ट भी बना ली है
अब एक औरत बन चुकी हूँ मैं,पर बुद्धि से अभी भी हूँ कहीं पैदल,क्या करूँ शरीर और दिमागएक जैसा विकसित नहीं होताकभी बच्चों की तरह रोड परगाते हुए निकल जाती हूँ,किसी फालतू-सी घटिया बात पर,खड़े, कहीं भी कह्कहें लगाती हूँकिसी डरपोक को खुले में समझाती हूँ,कि भगवान की बेटी हूँ मैं ,कभी किसी से डरती नहीं,जो डरते हैं वो काफ़िर होते हैं,और कभी बेटे के पैर हिलाते ही,भूकंप की आहट सोच, मैं नींद में भी डर जाती हूँ
थोड़ी बड़ी तो हो गयी हूँ मैं,अब चीज़ों को, रिश्तों को खोने से डरती हूँऔर जब कभी मेरा काजल न मिले,पूरे घर में हडकंप मचा देती हूँ,अलमारियां टटोल देती हूँ,दीवान को खिसका के तिरछा-सीधा भी कर देती हूँ,उस समय भगवान की इस बेटी पर,खली का भूत आ जाता है,और काजल खोजने के चक्कर में,कई और गुम चीज़ें जादू से ले आती हूँ.
मय्या कहती थी, तू तो न बच्ची ही बने रहना,बड़ी मत होइयो ! अरे मम्मी, बच्चे बने रहने के बड़े सुख हैं,खुशमिजाजी बनी रहती है, और अल्हड़पन जवान रहता है ,बुढ़ापा कभी आता नहीं, उम्र का जोर रहता नहीं,
तुम्हारी ये बेटी जवान से प्रौढ़ होने चली है,जिंदगी की धीमी बहती नाव में बहने चली है,पर आज भी मेहमानों की आहट सुन,बचपन की तरह दो डेग में सारा घर नाप जाती हूँ,दरवाज़ा खोलने की कॉम्पटीशन में आज भी टॉप आती हूँपापा के 'तीले धारो भुला' की धुन में सांकल बजानेका आज भी इंतज़ार करती हूँसास-ससुर के भी घर में आने पे,उनके सारे बंद सूटकेसों का पहले मैं ही सत्यानाश करती हूँमजा आता है बड़ा, बच्चे-सा बने रहने,अपने हर किस्से मैं मम्मी-पापा, भय्या, गुड़िया,तनु, रितु और छोटी गुड़िया के किस्से कह देना,हजारीबाग़ के चक्कर लगाना, और दिन भर थकने के बादबिस्तर में बेटे की 'बहन' बनकर उससे चिपट के सो जाना
हकीक़त में लडकियां बड़ी होती नहीं,थोप देती है ये दुनिया उनपे बड़ा बन जाओ ये चस्पां,बचपन की नादानियाँ और बाबुल का घर याद आते ही,आज भी जी-भर रो लेती हैं, किसी कोने में कहीं, दिल में अपने अपना बचपन छुपाये, जी लेती हैं देखो हर औरत कहीं न कहीं,क्या पके आमों को देख आप भी पुराने दिन याद नहीं करतीं. हम सब के अन्दर एक बच्चा है,जो उम्र के साथ हम भुला देते हैं,लूट, खसोट और बड़ा बनाने की चाहत मेंकई तरकीबें नयी लगाते हैं,पर हम सब को अपने बच्चे पसंद हैं,भोले, निःस्वार्थ और सच्चे,बड़ा बनने का कोई फायदा नहीं,हम तो बच्चे ही अच्छे !!!!!!!!!!!
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