Thursday, January 26, 2012

कार्मेल स्कूल-2

कार्मेल स्कूल-2

अपने पिछले आलेख में मैंने बताया था कि क्लास 7th की ज्यादा बातें अब याद नहीं है मुझे पर अभी 3 कक्षाओं का सिलसिला बाकी है. क्लास 8th की हमारी क्लास टीचर थी, सिस्टर वीना Ac वो मेरी बेहद ही पसंदीदा टीचर रही हैं हमेशा से, उनके साथ मेरा जुड़ाव भी बहुत था. जैसे एक मां अपने बच्चे को किसी भी समस्या में पड़ने से पहले बचा लेती हैं, वैसे ही वह मुझे छोटी-मोटी समस्याओं से बचा लेती थी. सिस्टर वीना एक सुन्दर, सुडौल, और बेहत ही शांत किस्म की महिला थी, उनके चेहरे पर गोल चश्मा बड़ा ही फबता था. साथ में वो जूड़ा भी बनाती थी. उन्हें पता था कि मेरी अंग्रेजी बहुत ही कमजोर थी, पर डांटने के बजाय वो मुझे मेरी इस परेशानी से लड़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करती रहती थीं.  मुझे एक वाकया याद है इस बारे में. इंग्लिश में  हमारी २ किताबें होती थीं, 1 तो btc की और एक Guided English . एक बार की बात है एक होमेवर्क था, जिसमें हमें अपने पिता को एक पत्र लिखना था, और उस पत्र का विषय था, कि हम Russia के किसी स्कूल में हॉस्टल में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और अचानक हॉस्टल में आग लग गयी है, आग इतनी भयानक नहीं है, पर उसमे आपका बहुत सारा सामान जल गया है, और आपको उनसे पैसे मंगवाने है. अब चिट्ठी लिखनी थी वो भी इतने दूर देश से. यहाँ तो पापा से कुछ भी फरमाइश कर लो तो वो तो मिल जाये पर अब क्या लिखूं ये समझ ही नहीं आया. मुझे तो इतने सारे वाक्य इंग्लिश में बनाने भी नहीं आते थे. होमेवोर्क तो हो गया और मैंने सिस्टर को वो चेक भी करने को दे दिया  सिस्टर ने जैसे ही इंग्लिश को कॉपी ली, और संभवतः पहली नज़र ही डाली होगी उन पंक्तियों पर, झट से उन्होंने मुझे बुला लिया और कहा, 'शिप्रा ये होमेवर्क पापा से करवाया है ना', और मैंने भी बेझिझक  कह दिया 'हाँ'. सिस्टर ने हंस के कहा थोड़ा-थोड़ा ही सही खुद से लिखने की कोशिश करो. उल्टा-पुल्टा ही सही पहले इंग्लिश में सोचो फिर उसे लिखो और फिर किसी से चेक भी करवाओ..... इस तरह मैंने फिर इंग्लिश के साथ धीरे-धीरे ही सही अपनी दोस्ती कर ली. इसी तरह एक बार attendance  के समय मैंने कहना था I was absent, पर कह दिया I am absent ,फिर क्या था पूरी क्लास खिल-खिला के हंस पड़ी, पर अपनी इस कमी को दूर करने के लिए मैंने खुद से कसम खा ली.

मेरी क्लास में बहुत सारे बच्चे थे, जिसमें सभी किसी न किसी चीज़ में ख़ास थे. सारिका,रूबी, अनामिका और बहुत सारे बच्चे पढ़ाई में बहुत ही तेज़ थे. मेरे मन में कुछ लोगों के लिए तो ख़ास ही जगह थी. एक तो मेरी बेस्ट फ्रेंड सारिका सिन्हा के लिए, क्योंकि वो मेरी सब बात सुन लेती थी और मान भी लेती थी और वो मेरी तरह गोलू-पोलू थी और मेरी पडोसी भी थी . संगीता दास मुझे अच्छी लगती थी, क्योंकि वो बहुत अच्चा ब्रेक डांस भी करती थी, साथ में बातें भी अच्छी करती थी,  उसकी और मेरी मम्मी दोनों साथ में एक ही स्कूल में टीचर भी थीं, इसलिए उससे निकटता का अनुभव होता था. संगीता की फ्रेंड थी, प्रीती होरा.पहले उसके लम्बे बाल थे, फिर क्लास 8th में उसने बाल छोटे करा लिए थे और वो स्मार्ट दिखने लग गयी थी. प्रीती, मुझे माफ़ करना पर ये बात लिखने का मन कर रहा है, कि हर बात के बीच में होंठ बजा के चटकारे लेकर  बोलती थी. 
उसने एक बार बाबा सहगल का rap song  गाया था, क्लास में 'हवा हवा ऐ हवा खुशबू लुटा दे, मैंने सोचा पता नहीं, कोई कविता कह रही होगी पर बाद में पता चला कि इसे rap song कहतें हैं, इस तरह संगीत की इस नयी विधा का पता चला. सोनिया बावा थी, एक बेजोड़ डांसर. उसकी तो पता नहीं कितनी फेन होंगी उस स्कूल में. आये दिन उसे छोटे बच्चे, गुलाब, चॉकलेट गिफ्ट करते रहते थे, वो हमारे स्कूल की माधुरी दीक्षित थी. हमारे क्लास की स्वाति जैन भी उसकी एक जबरदस्त फैन्स में से एक थी. सोनिया,स्वाति का एक ग्रुप था, जिसमें क्लास 9th  में जा कर स्निग्धा कान्त भी जुड़ गयी.  रूबी, आशा अग्रवाल, हरमीत,सोनालिका,सम्पूर्णा ये सभी एक ही ग्रुप में रहते थे. रिंकी सारिका के साथ थी, अल्पना, और जया ज्योति की जोड़ी थी. सभी के अपने ग्रुप थे, मेरा ऐसा कोई जोड़ा या तिगड़ी नहीं थी पर मैं मूलतः एक ही ग्रुप में रही जिसमे, सारिका, रिंकी, अनीता सिंह, अल्पना, जया ज्योति हुआ करते थे. हम सब प्राइमरी सेक्शन में  लगे झूले की तरफ टिफिन करने जाते थे और खाना खाकर वहीँ झूलते भी थे कभी-कभी. मैं लम्बी नहीं थी तो मेरे दोस्त मुझे पकड़ के मुझे झूले में टांग देते थे, और फिर में जुट जाती थी अपनी कलाबाजियों में. बहुत बार तो धम्म से गिर भी जाती थी बालू के ढेर में. खेल-कूद में तो मैं बड़ी ही फिस्सडी थी.

शेष आगे.............

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